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Showing posts from January, 2020

Valentine's Day shayri

दिन बा दिन बढ़ता रहा, वक़्त इंतज़ार का फिर आ के फरवरी पे अटका , मामला इकरार का ना मौसम का मोहब्बत से ताल्लुक़, ना राब्ता इज़हार का फिर रहा दरमियां बाकि, मुद्दा क्या तकरार का मान ले अब इल्तेज़ा, ले फरवरी भी आ गई बस भी कर अब खत्म कर दे ,सिलसिला इनकार का राब्ता -   relation, connection इल्तेज़ा - request ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Khushnavar shayri

मैं था नेक बंदा ना खोया कभी किसी  खयाल मे  मैं ना रोया था ग़म ऐ उल्फत में कभी, ना किसी हाल में चढ़ा  है जब से नशा खुशनवारी का साहेब उलझ के रह गया हूँ अपने ही लफ़्ज़ों के जाल में खुशनवारी -   writing shayri , poem, etc उल्फ़त -   love ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Izhar shayri

रुसवा है आँखो के इशारे मोहब्बत की गली में लाजिम है इश्क़ मेरे यार का जुबां से बयां हो खामोशी हो दरमियां वक़्त ए इज़हार मगर चेहरे पे गुलाबों सी हंसी और आँखों में हया हो ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Dosti shayri

ना वो आफरीन अंदाज ना वो रवायतें ना दोस्तों की नवाजिश ए मुलाक़ात रही मुख्तसर होती रही बाते दिन ब दिन ना खाली दिन ना सुकून भरी रात रही ना कभी मिलना ना मिल के झगड़ना ना पहले सा हुज़ूम ना वो जमात रही यूँ तो कहने को आया करते है रोज मगर ना इस महफ़िल मे पहले वाली बात रही मुख्तसर -  short, brief आफरीन - alluring नवाजिश - kindness  हुजूम - gathering, crowd ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Dosti shayri

हो कर मशरूफ  कश्मकश ए हयात मे बेखबर बेसबब किस उलझन मे फंसा हूँ मिल गए कुछ यार कूचा ए रोजगार मे आज एक मुद्दत बाद मैं खुल के हंसा हूँ हयात- जिंदगी, life मशरूफ - व्यस्त, busy बेसबब - बेवजह ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Izhaar shayri, propose shayri

करता रहा इकतरफा मोहब्बत अरसों से अब लगा चुपचाप करने मे मजा क्या है क र दिया है बयां हाल ए दिल सरेआम इकरार है या इनकार, तेरी रज़ा क्या है इकरार- acceptance, स्वीकार रज़ा- मर्जी ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Raat shayri

रात, चांद ,तारे और तन्हाई अधूरे ख़्वाब, अधूरी रुबाई लाज़िम है तसव्वुर में आये मेरी मोहब्बत , मेरी जुदाई   ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Shayri

चर्चा तेरे हुस्न का है महज, कूचे मे वाक़िफ़ तेरी फितरत से मगर सब है सौ बार की है मोहब्बत तुमने करने को इक बार भी है याद निभाई कब है? ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Mulaqaat shayri

एक नज़र देख के रहा ना दिल पे काबू आईने सा चेहरे पे कमाल क्या खूब था खत्म हुई तलाश मुलाक़ात पे आ कर निगाहें उठाई और सामने महबूब था   ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Love shayri

मुमकिन नही हिज्र तेरा भूल पाना तू और तेरी चाहत दोनो एक सी है चाहूँ तो कर लूँ तौबा तेरे दर से मगर                              तेरी लत और ये मोहब्बत दोनो एक सी है हिज़्र - separation, जुदाई ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Shayri

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जानिब-   direction, side, ओर, तरफ रहबर - guide, मार्गदर्शक जुस्तजू -   quest, खोज, तलाश ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Tareef shayri

मीर की ग़ज़ल हो या शायर का ख़ाब हो तुम ? शबनम की बूँद हो या नूर ऐ आफताब हो तुम ? . . सज संवर के यूँ निकली हो गिराई है बिजलियाँ नींदों को उड़ाने वाली हसीना लाजवाब हो तुम ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

chand shayri

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बारिश

कभी बूंद बूंद को तरसाया कभी दरख़्त दीवारों को तोड़ा ना मैं खुद झुका ना रुख हवाओं का मैंने मोड़ा . . अंदाज इसका भी है कुछ कुछ मेरे महबूब सा बिन मौसम की इस बरसात ने मुझे कहीं का ना छोड़ा ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

शाम शायरी

शाम ही से शुरू होता है यादों का सिलसिला शब होते होते पुर जोर रवानी पे आता है हसरतें बढ़ती है दीदार ऐ यार की फिर सहर होने से दिल को सुकून आता है ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

हश्र शायरी

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Seher shayri

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जिक्र शायरी, zikr shayari, ibaadat shayari, इबादत शायरी

मुमकिन नही हर ख़्वाब मुकम्मल होना अधूरे ख्वाबों का जिक्र इबादत में होता है . होता नही ग़र हासिल कुछ इबादतों से टूटे ख़्वाबों का जिक्र ज़ियारत में होता है Mukammal- complete Ibadat-pray Jiyarat-  religious journey ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Mohabbat shayari, मोहब्बत शायरी

लिखकर मिटा देता हूँ तुझको अपने जेहन से     बेहतर खयाल की तलाश दिन रात करता हूँ कोई यूँ ना समझे कि मोहब्बत हुई है किसी से मैं शायर हूँ और शायरी की बात करता हूँ  ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Shayari on chaand, चाँद पर शायरी

वो कहता है चाँद में भी दाग़ है सुनील मग़रूर इतना है अकड़ में मदहोश है ग़ुरूर चाँद का है मुनासिब अगर मेरी मानो तुम दाग़ ही देखते हो तुम्हारा दोष है    ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Tanhaai shayari, तन्हाई शायरी

थम गया वक्त,थम गया बातों का सिलसिला ना मंजिल है ना मजलिस ए यार कोई बाकि है निकल पड़ा हूँ रात की खामोशियों में अकेले ना साथ रहबर है ना मददग़ार कोई बाकि है ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

उल्फ़त शायरी, ulfat shayari

चन्द तस्वीरों में है बाकि उल्फत के निशां किताबों में सूखा कोई गुलाब मेरे पास नहीं सबब खुद ही बना अपनी तबाही का मैं इल्जाम तुझ पे कोई आये मुझे रास नहीं ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

इश्क़ लाइलाज कितना, ishq laailaaz kitna

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होती नही रात खलिश में बसर नश्तर सी चुभन है, सुआ कोई लगे मत पूछ इश्क़ लाइलाज कितना बेअसर दवा  ना दुआ कोई लगे ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

बेनयाजी शायरी, Beniyazi shayari

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गुजरती बेनयाज़ी मुझे नागवार उसकी उसे पसन्द नहीं मेरा हद से गुजर जाना आया नही इश्क़ हदों में करना मुझको उसे आता था करके किनारा गुजर जाना  ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

गर्दिश शायरी, gardish shayari

भूल जाओ बेशक मुझे ए सनम तर्क ऐ ताल्लुक़ ये बड़ी बात नही नज़ारे और भी है बहुत दुनिया में सितारे गर्दिश में हैं खफ़ा रात नहीं ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

जज्बात शायरी, jazbaat shayari

नाहक है उम्मीद किसी से करना बर्बाद यूँ ना अपने जज्बात कर बना ले अपनी अलग दुनिया सुनील वक़्त खुद से मिले तो किसी से बात कर  ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

हश्र शायरी, hashra shayari

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मुझ पर है नवाज़िशें मेरे रब की बेशुमार दे के वो दर्द पूछता है क्या गिला है सब जानकर भी बेखबर है मेरे हश्र से क्या यही मेरी बंदगी का सिला है ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

उम्मीद ए वफा शायरी , ummeed e wafa shayari

मालूम था फ़ितरत है उनकी बेवक्त चले जाना सब जानकर भी ,क्यूँ मैं खुद ही पे जफ़ा करता हासिल था उल्फत में फ़क़त ग़म ही सुनिल किसी कातिल से जो मैं उम्मीद ऐ वफ़ा करता ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Ulfat shayari उल्फ़त शायरी

नहीं था उल्फत का इरादा ना सही ये तो महज चाहत की बात थी जरा सी बात पर सर पे उठा ली दुनिया तुमने कुछ और होता तो क्या बात थी  ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Shaam shayari, वो इक शाम जो गुजरी थी रफाकत में कभी

वो इक शाम जो गुजरी थी रफाकत में कभी फिर ना आएगी लौट कर इतना तो तय है झील में खेलती कश्ती और मांझी का जुनूँ संभल गया तो पानी है जो बहका तो मय है  ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

जलता है चाँद भी जुगनू से भला | inspirational shayari | wajood shayari

जलता है चाँद भी जुगनू से भला रोशन जुगनू से कहाँ रात होती है सवाल रोशनी का रहा अपनी जगह फर्क पड़ता है वजूद की जहाँ बात होती है  ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

आदत इबादत की मेरी जाती नहीँ

आदत इबादत की मेरी जाती नहीँ हद से ज्यादा दिल्लगी मुझे भाती नही जुस्तजूँ बस इक तेरी है और एक तू है जो जाती है तो लौट के आती नही ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved