इश्क़ लाइलाज कितना, ishq laailaaz kitna



होती नही रात खलिश में बसर
नश्तर सी चुभन है, सुआ कोई लगे

मत पूछ इश्क़ लाइलाज कितना
बेअसर दवा  ना दुआ कोई लगे


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