उम्मीद ए वफा शायरी , ummeed e wafa shayari
मालूम था फ़ितरत है उनकी बेवक्त चले जाना
सब जानकर भी ,क्यूँ मैं खुद ही पे जफ़ा करता
हासिल था उल्फत में फ़क़त ग़म ही सुनिल
किसी कातिल से जो मैं उम्मीद ऐ वफ़ा करता
©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved
सब जानकर भी ,क्यूँ मैं खुद ही पे जफ़ा करता
हासिल था उल्फत में फ़क़त ग़म ही सुनिल
किसी कातिल से जो मैं उम्मीद ऐ वफ़ा करता
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Nice
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