बेनयाजी शायरी, Beniyazi shayari




गुजरती बेनयाज़ी मुझे नागवार उसकी
उसे पसन्द नहीं मेरा हद से गुजर जाना

आया नही इश्क़ हदों में करना मुझको
उसे आता था करके किनारा गुजर जाना 

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