Dosti shayri
ना वो आफरीन अंदाज ना वो रवायतें
ना दोस्तों की नवाजिश ए मुलाक़ात रही
मुख्तसर होती रही बाते दिन ब दिन
ना खाली दिन ना सुकून भरी रात रही
ना कभी मिलना ना मिल के झगड़ना
ना पहले सा हुज़ूम ना वो जमात रही
यूँ तो कहने को आया करते है रोज मगर
ना इस महफ़िल मे पहले वाली बात रही
मुख्तसर - short, brief
आफरीन - alluring
नवाजिश - kindness
हुजूम - gathering, crowd
©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved
ना दोस्तों की नवाजिश ए मुलाक़ात रही
मुख्तसर होती रही बाते दिन ब दिन
ना खाली दिन ना सुकून भरी रात रही
ना कभी मिलना ना मिल के झगड़ना
ना पहले सा हुज़ूम ना वो जमात रही
यूँ तो कहने को आया करते है रोज मगर
ना इस महफ़िल मे पहले वाली बात रही
मुख्तसर - short, brief
आफरीन - alluring
नवाजिश - kindness
हुजूम - gathering, crowd
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