शाम शायरी
शाम ही से शुरू होता है यादों का सिलसिला
शब होते होते पुर जोर रवानी पे आता है
हसरतें बढ़ती है दीदार ऐ यार की फिर
सहर होने से दिल को सुकून आता है
©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved
शब होते होते पुर जोर रवानी पे आता है
हसरतें बढ़ती है दीदार ऐ यार की फिर
सहर होने से दिल को सुकून आता है
©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved
great work 👌
ReplyDeleteAwesome
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