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Dosti shayri

ना वो आफरीन अंदाज ना वो रवायतें ना दोस्तों की नवाजिश ए मुलाक़ात रही मुख्तसर होती रही बाते दिन ब दिन ना खाली दिन ना सुकून भरी रात रही ना कभी मिलना ना मिल के झगड़ना ना पहले सा हुज़ूम ना वो जमात रही यूँ तो कहने को आया करते है रोज मगर ना इस महफ़िल मे पहले वाली बात रही मुख्तसर -  short, brief आफरीन - alluring नवाजिश - kindness  हुजूम - gathering, crowd ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Dosti shayri

हो कर मशरूफ  कश्मकश ए हयात मे बेखबर बेसबब किस उलझन मे फंसा हूँ मिल गए कुछ यार कूचा ए रोजगार मे आज एक मुद्दत बाद मैं खुल के हंसा हूँ हयात- जिंदगी, life मशरूफ - व्यस्त, busy बेसबब - बेवजह ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Izhaar shayri, propose shayri

करता रहा इकतरफा मोहब्बत अरसों से अब लगा चुपचाप करने मे मजा क्या है क र दिया है बयां हाल ए दिल सरेआम इकरार है या इनकार, तेरी रज़ा क्या है इकरार- acceptance, स्वीकार रज़ा- मर्जी ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Raat shayri

रात, चांद ,तारे और तन्हाई अधूरे ख़्वाब, अधूरी रुबाई लाज़िम है तसव्वुर में आये मेरी मोहब्बत , मेरी जुदाई   ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Shayri

चर्चा तेरे हुस्न का है महज, कूचे मे वाक़िफ़ तेरी फितरत से मगर सब है सौ बार की है मोहब्बत तुमने करने को इक बार भी है याद निभाई कब है? ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Mulaqaat shayri

एक नज़र देख के रहा ना दिल पे काबू आईने सा चेहरे पे कमाल क्या खूब था खत्म हुई तलाश मुलाक़ात पे आ कर निगाहें उठाई और सामने महबूब था   ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Love shayri

मुमकिन नही हिज्र तेरा भूल पाना तू और तेरी चाहत दोनो एक सी है चाहूँ तो कर लूँ तौबा तेरे दर से मगर                              तेरी लत और ये मोहब्बत दोनो एक सी है हिज़्र - separation, जुदाई ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved