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Shayri

चर्चा तेरे हुस्न का है महज, कूचे मे वाक़िफ़ तेरी फितरत से मगर सब है सौ बार की है मोहब्बत तुमने करने को इक बार भी है याद निभाई कब है? ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Mulaqaat shayri

एक नज़र देख के रहा ना दिल पे काबू आईने सा चेहरे पे कमाल क्या खूब था खत्म हुई तलाश मुलाक़ात पे आ कर निगाहें उठाई और सामने महबूब था   ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Love shayri

मुमकिन नही हिज्र तेरा भूल पाना तू और तेरी चाहत दोनो एक सी है चाहूँ तो कर लूँ तौबा तेरे दर से मगर                              तेरी लत और ये मोहब्बत दोनो एक सी है हिज़्र - separation, जुदाई ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Shayri

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जानिब-   direction, side, ओर, तरफ रहबर - guide, मार्गदर्शक जुस्तजू -   quest, खोज, तलाश ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Tareef shayri

मीर की ग़ज़ल हो या शायर का ख़ाब हो तुम ? शबनम की बूँद हो या नूर ऐ आफताब हो तुम ? . . सज संवर के यूँ निकली हो गिराई है बिजलियाँ नींदों को उड़ाने वाली हसीना लाजवाब हो तुम ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

chand shayri

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बारिश

कभी बूंद बूंद को तरसाया कभी दरख़्त दीवारों को तोड़ा ना मैं खुद झुका ना रुख हवाओं का मैंने मोड़ा . . अंदाज इसका भी है कुछ कुछ मेरे महबूब सा बिन मौसम की इस बरसात ने मुझे कहीं का ना छोड़ा ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved