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तुम क्या जानोगे मेरे दिल मे क्या है| shayari on dil, दिल शायरी

तुम क्या जानोगे मेरे दिल मे क्या है खाली मकां है या कोई रहता यहाँ है मेहमां बन के आये मुसाफिर बहुत रहने को हमेशा,कोई आता कहाँ है आती कहाँ बहार खिज़ाओं मे कभी खुद ही बना बाग, खुद ही बागबाँ है साहिल से महरूम हो जैसे लहरे आबशार ये सूखा,बिन पानी बहा है अब ये दिल नही बयाबान है कोई बामुश्किल् परिंदा कोई, जाता जहाँ है खिज़ा - पतझड़ बागबाँ- माली महरूम- वंचित बयाबां - उजाड़, सुनसान जंगल आबशार - झरना .......... Tum kya jaanoge mere dil me kya hai Khali makan hai ya koi rahta yahan hai Mehman ban ke aaye musafir bahut Rahne hmesha koi aata kahan hai Aati kahan bahaar kabhi khizaon me kabhi Khud hi bana baag khud hi baagban hai Sahil se mahroom ho jaise lahre Aabshaar ye sukha, bin paani baha hai Ab ye dil nhin bayabaan hai koi Bamuskil parinda koi, jata jahan hai ©merishayri2020 sunil sharma, all rights reserved

दिल का नगर खाली नहीं होता | shayari on dil, दिल शायरी

उठा दिया करो तुम भी कभी हाथ अर्ज करने के लिए कि हर बार तारीफ का जरिया ताली नही होता चले जाओ उठकर महफ़िल से बेशक मग़र सुन लो किसी एक के चले जाने से दिल का नगर खाली नहीं होता  ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

कभी चाँद था मिशाल ए खूबसूरती मेरी नज़र मे,shayari on chaand, चाँद शायरी

उनकी सोहबत ने है बख्शी ये कैसी खुदाई तौबा कलम से करने की है नौबत आई कभी चाँद था मिशाल ए खूबसूरती मेरी नज़र मे अब दो आँखों पर लिख देता हूं सैकड़ो रुबाई सोहबत - संग, साथ रुबाइ - 4 line poetry ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

खो गया वो मेरा हमनफस दुनियां की भीड़ में, हमनफ़स शायरी, Hamnafas shayari

खो गया वो मेरा हमनफस दुनियां की भीड़ में बन के रह गया अधूरी कहानियों का हिस्सा रो देता है आलम ऐ तन्हाई में अक्सर दिल याद जब आता है गुजरी हुई जिंदगी का किस्सा  ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Sad shayri

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क्या तुमने मुझे समझा है कभी,क्या तुमने मुझे है जाना क्या तुमने कभी झाँका मुझमे, क्या तुमने मुझे पहचाना मैं जर्द हुआ जाता ग़म मे, मैं सुर्ख हुआ जाता हमदम इस हाल मे ना तु छोड़ मुझे, मैं दुनिया से बेगाना हालात मेरे बदतर ना थे  ,ना तुझसे था याराना अब देख भी ले कुछ याद तुझे, क्या था मेरा अफसाना ना कसमें थी ना वादे थे ,ना था कोई साथ निभाना तुझसे मिलने से पहले था ,मै भी खुशहाल दीवाना ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Love shayri

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Valentine's Day shayri

दिन बा दिन बढ़ता रहा, वक़्त इंतज़ार का फिर आ के फरवरी पे अटका , मामला इकरार का ना मौसम का मोहब्बत से ताल्लुक़, ना राब्ता इज़हार का फिर रहा दरमियां बाकि, मुद्दा क्या तकरार का मान ले अब इल्तेज़ा, ले फरवरी भी आ गई बस भी कर अब खत्म कर दे ,सिलसिला इनकार का राब्ता -   relation, connection इल्तेज़ा - request ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved