कभी चाँद था मिशाल ए खूबसूरती मेरी नज़र मे,shayari on chaand, चाँद शायरी
उनकी सोहबत ने है बख्शी ये कैसी खुदाई तौबा कलम से करने की है नौबत आई कभी चाँद था मिशाल ए खूबसूरती मेरी नज़र मे अब दो आँखों पर लिख देता हूं सैकड़ो रुबाई सोहबत - संग, साथ रुबाइ - 4 line poetry ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved