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Valentine's Day shayri

दिन बा दिन बढ़ता रहा, वक़्त इंतज़ार का फिर आ के फरवरी पे अटका , मामला इकरार का ना मौसम का मोहब्बत से ताल्लुक़, ना राब्ता इज़हार का फिर रहा दरमियां बाकि, मुद्दा क्या तकरार का मान ले अब इल्तेज़ा, ले फरवरी भी आ गई बस भी कर अब खत्म कर दे ,सिलसिला इनकार का राब्ता -   relation, connection इल्तेज़ा - request ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Khushnavar shayri

मैं था नेक बंदा ना खोया कभी किसी  खयाल मे  मैं ना रोया था ग़म ऐ उल्फत में कभी, ना किसी हाल में चढ़ा  है जब से नशा खुशनवारी का साहेब उलझ के रह गया हूँ अपने ही लफ़्ज़ों के जाल में खुशनवारी -   writing shayri , poem, etc उल्फ़त -   love ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Izhar shayri

रुसवा है आँखो के इशारे मोहब्बत की गली में लाजिम है इश्क़ मेरे यार का जुबां से बयां हो खामोशी हो दरमियां वक़्त ए इज़हार मगर चेहरे पे गुलाबों सी हंसी और आँखों में हया हो ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Dosti shayri

ना वो आफरीन अंदाज ना वो रवायतें ना दोस्तों की नवाजिश ए मुलाक़ात रही मुख्तसर होती रही बाते दिन ब दिन ना खाली दिन ना सुकून भरी रात रही ना कभी मिलना ना मिल के झगड़ना ना पहले सा हुज़ूम ना वो जमात रही यूँ तो कहने को आया करते है रोज मगर ना इस महफ़िल मे पहले वाली बात रही मुख्तसर -  short, brief आफरीन - alluring नवाजिश - kindness  हुजूम - gathering, crowd ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Dosti shayri

हो कर मशरूफ  कश्मकश ए हयात मे बेखबर बेसबब किस उलझन मे फंसा हूँ मिल गए कुछ यार कूचा ए रोजगार मे आज एक मुद्दत बाद मैं खुल के हंसा हूँ हयात- जिंदगी, life मशरूफ - व्यस्त, busy बेसबब - बेवजह ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Izhaar shayri, propose shayri

करता रहा इकतरफा मोहब्बत अरसों से अब लगा चुपचाप करने मे मजा क्या है क र दिया है बयां हाल ए दिल सरेआम इकरार है या इनकार, तेरी रज़ा क्या है इकरार- acceptance, स्वीकार रज़ा- मर्जी ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved

Raat shayri

रात, चांद ,तारे और तन्हाई अधूरे ख़्वाब, अधूरी रुबाई लाज़िम है तसव्वुर में आये मेरी मोहब्बत , मेरी जुदाई   ©meri shayri 2020 sunil sharma, all rights reserved