Barish shayari | बारिश शायरी | बरसात शायरी|barsaat shayari
चलने लगी है हवाएँ बेतहाशा आजकल
आंधियों का आना रोज का काम हो गया
तुम थे तो बरसती थी तरसा तरसा कर
तुम नहीं हो तो बारिश का आना आम हो गया
आंधियों का आना रोज का काम हो गया
तुम थे तो बरसती थी तरसा तरसा कर
तुम नहीं हो तो बारिश का आना आम हो गया
......
Chalne lagi hai hawayein betahasha aajkal
Aandhiyon ka aana roj ka kaam ho gya
Tum the to barsati thi tarsa tarsa kar
Tum nahi ho to barish ka aana aam ho gaya
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