Izhar shayri

रुसवा है आँखो के इशारे मोहब्बत की गली में
लाजिम है इश्क़ मेरे यार का जुबां से बयां हो

खामोशी हो दरमियां वक़्त ए इज़हार मगर
चेहरे पे गुलाबों सी हंसी और आँखों में हया हो



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